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महात्मा गांधी |
हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व
अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय के हज़ारों विद्यार्थियों (जिनमें सैकड़ों
अब अध्यापक हो गए हैं) के प्रिय अध्यापक प्रो नित्यानंद तिवारी ने
सार्वजनिक मंच पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल की तुलना महात्मा गांधी से की.
दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैम्पस स्थित मोतीलाल नेहरू कॉलेज में
पिछले 25-26 मार्च को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के आख़िरी सत्र
में खचाखच भरे सेमीनार हॉल में तिवारी जी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक
परिदृश्य में अरविन्द केजरीवाल एकमात्र ऐसे नेता हैं जो राजनीति में
'सादगी', 'ईमानदारी' तथा 'कथनी और करनी में भेद न करने' जैसी बातें कर रहे
हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदुस्तान के पूरे राजनीतिक
परिदृश्य से इस तरह के 'वेल्यूज'
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अरविन्द केजरीवाल |
अप्रासंगिक हो गए थे लेकिन अरविन्द
केजरीवाल ने इतिहास के भीतर से इन 'वेल्यूज' को 'रिकवर' किया। हमारे
सार्वजनिक जीवन से जो मूल्य खत्म कर दिए गए थे उन्हें अरविन्द केजरीवाल ने
फिर से मूल्य बनाया।
प्रो तिवारी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि वे देश की हरेक
जनता को स्वाधीन करना चाहते हैं. उन्होंने अरविन्द केजरीवाल की 'आम आदमी
पार्टी' का उल्लेख करते हुए कहा कि लोग अरविन्द केजरीवाल से जब पूछते हैं
कि 'आम आदमी' से उनका क्या तात्पर्य है तो वे कहते हैं हिंदुस्तान का वह
नागरिक चाहे वह धनी है या गरीब, यदि वह वर्त्तमान 'राजनीतिक ढाँचे' को
तोड़ने में यकीन रखता है तो वह 'आम आदमी' है. यानि अरविन्द केजरीवाल के
हिसाब से हम एक जिम्मेदार मनुष्य बन सकते हैं.'
आखिर में प्रो तिवारी ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के समय गांधीजी ने जो
राजनीतिक-सामाजिक दृष्टि हमें दी थी अरविंद केजरीवाल आज कुछ वैसी ही
दृष्टि हमें देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कॉंग्रेस और भाजपा बड़ी
मुश्तैदी से अरविन्द केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को दबाने की कोशिश कर
रही है. कभी उनके चरे पर स्याही फेंकी जाती है तो कभी उनकी कार का शीशा
तोड़ा जाता है. (नोट : तबतक थप्पड़ काण्ड नहीं हुआ था.) यह
दुर्भागयपूर्ण है.
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प्रो नित्यानंद तिवारी |
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