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विफल प्यार, पुरुषों से मिले अनुभव और  विवाहेतर संबंध  को  खुलेपन से व्यक्त करनेवाली लेखिका  आ ज 1 फरवरी है. गूगल ने आज अँग्रेजी व मलयालम भाषा की भारतीय लेखिका कमला दास पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. 1 फरवरी 1973 को आज ही के दिन उनकी विवादस्पद और बहुचर्चित किताब पहली बार 'Ente Kadha' शीर्षक से मलयालम में प्रकाशित हुई थी. कमला दास को कमला सुरैय्या के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि मलयालम भाषा में वो माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं।  31 मार्च 1934 को केरल के त्रिचूर जिले के पुन्नायुर्कुलम में जन्मी कमला की बहुत ही कम उम्र में शादी हो गई थी। उस वक्त उनकी उम्र मात्र पंद्रह साल की थी। 15 साल की उम्र से ही वे कवितायें लिखने लगी थीं। उनकी माँ बालमणि अम्मा एक बहुत अच्छी कवयित्री थीं. कमला दास पर उनकी माँ के  लेखन का खासा प्रभाव पड़ा। पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से परिवार के सो जाने के बाद वे रसोई में अपना लेखन जारी रखतीं और सुबह तक लिखती रहतीं। इससे उनकी सेहत ख़राब हो गई और वे बीमार रहने लगीं। अपने एक साक्षात्कार में कमला दास ने बताया, ''चूँकि मैं बीमार रहत