ब्रिटेन का 'कामसूत्र' है 'फैनी हिल'... : सुज़ेन

फ्रेंक हुज़ूर सुज़ेन के साथ
फ्रेंक हुज़ूर ने लन्दन के रेडलाईट एरिया सोहो की गलियों में घुसकर यूरोप की पोर्न इंडस्‍ट्री के  अंदरूनी सच को जानने क़ा जोखिम उठाया है. वहां से वे एक से एक दिलचस्प रपट हम तक पहुंचा रहे हैं. पेश है उनकी लंदन डायरी की अगली किस्त :

मिशेल के सबसे खौफ़नाक मंज़र की फिल्मिंग में एनल सेक्स की ग़मज़दा सेटिंग थी. मुझे  ताज्ज़ुब बिलकुल नहीं हुआ, जब उसने कहा कि उसने करीब  30 दिनों  तक कोई पोर्न विडियो शूट नहीं किया. उसे सिर्फ़ ग़मज़दा माहौल से कोफ़्त थी, एनल सेक्स से कोई शिकवा नहीं. ''वह सीन जिसमें मुझे एक कब्रिस्तान में ताबूत के ऊपर फूलों के गुलदस्तों को रखने के लिए झुकना था और मेरा को-स्टार मेरे ग़मगीन काले लिबास को मेरे बुट्टोक के ऊपर फ़ना कर देता है और अपने हथियार को खंजर की तरह मेरे दोनों हिप्स के हवाले कर देता है...

बहुत सारे लोगों को एनल सेक्स से कोफ़्त हो सकती है मगर पोर्न फिल्मों की फिज़ा में एनल सेक्स का अपना ही नशा है. मुझे इसमें एक ख़ास क़िस्म का मज़ा आता है. सबसे क्लीन सेक्स भी लगता है. संभ्रांतों के समाज को इसमें हिंसा नज़र आती रही है मगर पोर्न फिल्मों की इंडस्ट्री में किसी भी अदाकारा को एनल के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग देने को तैयार रहना पड़ता है. हमारी इंडस्ट्री में एनल पोर्न स्टार सबसे ज़्यादा रुतबा रखते हैं. उनकी पेमेंट भी जबरदस्त होती है. वो वक़्त के पाबंद होते हैं. आज के दौर में 70 फीसद पोर्न एनल सेक्स के मुख्तलिफ आयामों से सराबोर होता है. मगर यह ज़रूर है कि मुझे हार्डकोर एनल सेक्स के लिए अफीम की बड़ी अहमियत होती  है, या फिर हर्षोन्माद की नशीली गोली की,  जिसके बिना मैं भी एन्जॉय नहीं कर सकती किसी भी एनल स्क्रिप्ट को.''

जब मैंने मिशेल से पूछा कि क्या उसे ऐसा नहीं लगता कि एनल सेक्स एक ‘हार्ड फकिंग’ एक्ट है जिसमें  क्रुएल्टी है, और इस उल्फ़त में वही लोग पड़ते हैं जो औब्सेसिव कम्पल्सिव डिसओर्डर के विक्टिम होते हैं. तब उसने थोड़ी वक़्त के लिए ख़ामोशी अख्तियार कर ली. पर जल्दी ही अपनी खामोशी काटते हुए  कहा, ”फकिंग इज़ फकिंग, डियर! क्या हार्ड और क्या सोफ्ट! जैसे मज़हब है दुनिया में वैसे ही ये है. हार्ड और सोफ्ट क्या होता है! 

एनल सेक्स लड़के और लड़कियों की नैसर्गिक उत्सुकता है. और वो उत्सुकता उस होल के लिए है जो दोनों के पास अब्राहम के ज़माने से सौगात में मिला हुआ है. तुमने वो ग्रीक मुहावरा नहीं सुना है क्या! सिल्ली बॉय! ''यौर डिक इज नोट फॉर वेज़ाइनल सेक्स, और  इट वुड हैव फोर्म्ड इन दी इमेज़ ऑफ़ एन एक्स’ और फिर एनल सेक्स सिर्फ़ हेट्रोसेक्सुअल प्रेमियों के लिए उतना ही नॉर्मल एक्ट है जितना होमोसेक्सुअल पार्टनर्स के लिए. मज़हबी सिरफिरे बहुत बार एनल सेक्स को लेकर हमारी बहुत सी फिल्मों के खिलाफ़ मुजाहिरा करते आए हैं, मगर हमने उनकी इस दलील को कोई तवज्जों नहीं बख्शी कि गॉड ने एनल सेक्स को एक डर्टी एक्ट करार दिया है... 

आप बाइबल जेनेसिस 16:1 में पढ़ सकते हैं कि अब्राहम किस तरह हगार के चेहरे और बालों पर एजाकुलेट करते हैं और फिर अपने बुट्टोक को उसकी छाती पर रखकर मसल रहे होते हैं. एनल सेक्स का क्लियर ज़िक्र है यहाँ. मैं इसे विवादस्पद सेक्स भी नहीं मानती. हमने सेक्स के खिलौने और कंडोम का इज़ाद कर लिया, प्लास्टिक डिक और लुब्रिकेटर बना लिए. ये विवादास्पद हो सकते हैं, मगर एनल सेक्स नहीं. आजकल तो कुछ सिरफिरे पोर्न निर्देशक फुल बॉडी कंडोम का ऑर्डर देकर सेक्सुअल एक्ट्स को शूट कर रहे हैं. मेरी नज़र में ये नेचुरल नहीं हैं. मैं एनल सेक्स की कलात्मक प्रस्तुति में यकीन रखती हूँ,” यह कहते हुए मिशेल दिल से हंसी के खूब फव्‍वारे छोड़ती हैं.

मिशेल के अफसानों का सिलसिला बदस्तूर हमला बोलता रहा. मैं अँधेरी रात के लम्हों  को तमाम होता देखता रहा. उसकी हर नज़र से भीगी-भीगी सी ये रात सुलगती जा रही थी. वीकेंड की महफिलें लन्दन के मिडनाइट आवर पर जवानी की राह के सारे नुकीले काँटों को रोज़ गार्डेन में तब्दील करने को बेक़रार होने लगती हैं. अगर आप पब के कोर्ट के बाहरी कोने पर मस्ती का बाज़ार सजा रहे हैं तो फिर आपकी निगाहों में ‘ज़िप्लेस फक’ का सुरूर चढ़ रहा होगा. 

इस बाज़ार में नज़र की कीमत पर कम ही दिल कुर्बान होते हैं. ज़िप्लेस फक बेहद ही पाक़ फक है. जिस्म के इस जश्न में कोई नापाक इरादे या मंसूबे जनम भी नहीं ले पाते या मिशेल की ज़ुबान में ये उस गोल्डेन येलो  फूल के  सफ़ेद हेयरी बीज की माफिक फिज़ा में बिखर जातें हैं. ज़िप्लेस फक वो सेक्सुअल एन्‍काउंटर है जिसमें मर्द और औरत दोनों एक दूसरे के लिए अनजान होते हैं और एक बार मिलने के बाद भी गुमनामी की गलियों में समा जाते हैं. 

ये सब कुछ ऐसे ही नशीली राहों में मुमकिन होता है. जब तक साथ होता है तब तक करार होता है और उम्मीदों का काफिला हमेशा के लिए गुज़र जाता है. मिसेल ने हार्प के बाहर आते ही अपनी नज़रों से सड़क के चारों  तरफ़ गुफ़्तगू में मशगूल जवां दिलों की तरफ़ इशारा किया. ‘लुक एट दिज़ लवर्स ! दे आर नॉट लायर्स!’

मेरी नज़र ठीक सामने खड़ी एक जोड़े पर पड़ी जिनके होठ की हथकड़ी  पर और भी जवान दिलों के नज़रों की बारिस हो रही थी. मिशेल कहती है, ''ये जोड़े यहाँ लन्दन की बर्फीली गलियों में ज़िप्लेस फक के नुमाइन्‍दे हैं. ये इस पल के कबल कभी साथ नहीं हुए होंगे. दोनों गुमनाम हैं एक दूसरे के लिए. अनोनिमस स्‍ट्रेंजर्स टर्न्‍ड लवर्स!!!'' देखते ही देखते दोनों जवान दिल क़रीब खड़ी सिल्वर मर्सिडीज़ के ब्लैक सोफे पर गिर पड़े. फिज़ा के रंग में जो बहार बाक़ी थी वो चिराग लेकर उनके तेज़ी से अन्‍ड्रेस हो रहे न्‍यूड बदन पर गिरने लगी. ये जोड़े अकेले नहीं थे, हर तरफ़ एक ही समां था. कुछ काले तो कुछ गोरे, सिर्फ ब्रिटिश ही नहीं, बल्कि  यूरोप के मुख्तलिफ मुल्कों की गोरियां और गोरे जिस्म की गर्मी में बहकने लगे थे.

ज़िप्लेस फक का अल्टिमेट तभी होता है जब आप पहले से एक दूसरे से वाकिफ़ नहीं हों. रोमानिया की राजधानी बुडापेस्ट में यह बेहद आम है और यह रोमानिया की गलियों से होकर लन्दन की चमकीली रातों में आबाद हो चला है. मिशेल इशारों ही इशारों में खिलखिलाई, ''दिस इज़ डोग्गिंग, ओह डियर.'' जब आप किसी पब्लिक प्लेस में सेक्सुअल एक्ट में दिल और जांनिसार करने को बेताब हो जाते हैं तब आपको ब्रिटिश जबान में डोग्गिंग का बादशाह कहा जाता है. सेक्सुअल एक्ट के प्रोटेगोनिस्ट के साथ जो तमाशाई इस महफ़िल का दृश्‍यरतिक की तरह दीदार कर रहे होते हैं उसे भी डोग्गिंग करते हुए कहा जाता है. 

डोग्गिंग के दायरे में ग्रुप सेक्स, गैंग बैंग और कामांग प्रदर्शन भी शुमार होता है. ब्रिटिश फिल्म इंडस्‍ट्री ने इस दिलकश नज़ारे को एक फिल्म बनाकर पेश किया और उसका टाइटल रखा– ''डोग्गिंग : लव स्टोरी.'' माइकल ग्रूम की लिखी और साइमन एल्लिस की डिरेक्ट की हुई यह फिल्म 2009 में आई थी और इसे अमेरिकन मार्केट में 'पब्लिक सेक्स ' के टाइटल के साथ रिलीज़ किया गया था.

मिशेल और मेरे कदम चलते-चलते चार्रिंग क्रॉस ट्यूब स्टेशन के ठीक सामने थम से गए. जहाँ भी नज़र जा के गिरती, लड़के और लड़कियों के होठों को हम एक दूसरे में समाए हुए पाते, उनके दोनों हाथ बुट्टोक के ऊपर सैर करते नज़र आते. फिमेल सेक्सुअलिटी और मेल सेक्सुअलिटी का ये अजीब सा अफ़साना है जहाँ लड़कियां मल्टिपल ओर्गज्‍म हासिल करने में उस्‍ताद हैं और लड़के उनके जी स्पोट की खोज में ठीक उसी तरह मशगूल, जिस तरह शायद कोलम्‍बस अपने मंजिल की आस में ब्लू वॉटर के ऊपर पंख लगाये सफ़र कर रहा था. 

मिशेल की निगाहों में ये मंज़र एक हायपर सेंसिटिव लड़की की सेक्सुअल आज़ादी और अपने मंज़िल और मक़सद की खोज है. ‘एक पोर्न स्टार और इन मनचले लड़के-लड़कियों में सिर्फ़ थोड़ा सा फ़र्क़ है. ये अपने अरमानों की महफ़िल सजाने यूँ ही रहगुज़र होते हैं जब कि हम पेशेवर हैं इसी खेल में.’

मिशेल ने अपने ख़यालों को और दिलकश अंदाज़ से पेश किया जब उसने मशहूर अमेरिकन अदीब एरिका जोंग की एक नोवेल का जिक्र कर डाला. ‘'एक पोर्न विडियो शूट के सिलसिले में मैं वैली में थी. लॉस एंजेलिस के ठीक नॉर्थ में बसा हुआ सैन फरनान्डो वैली हॉलीवुड का पोर्न सिटी है जहाँ पोर्न स्टारों के आलीशान हवेलियों के अलावा बेहतरीन स्टूडियो हैं. वो 2005 की गर्मियां थी जब हमें एक ख़ास स्क्रिप्ट के सीन को शूट करना था और उसके केंद्र में ‘ज़िप्लेस फक’ का अफसाना था. मेरे डायरेक्टर बॉब मूर ने वैली में लैंड करते ही फूलों के गुलदस्ते के साथ 'फियर ऑफ़ फ्लाइंग ' की एक कॉपी मुस्कराहट के साथ मेरी गोद में गिरा दिया.''

 मेरी नज़रें मिशेल की नज़रों से फ़ियर ऑफ़ फ्लाइंग के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए बेजार होती गयी. फीयर ऑफ़ फ्लाइंग एक फेमिनिस्ट क्लासिक है, इसका एहसास मुझे एक ही रात में हो गया. एरिका जोंग ने जिप्लेस फ़क का अफसाना अपने अदाकारा इज़ाडोरा की सेक्सुअल आज़ादी के मंसूबों से पिरोया है. 

इज़ाडोरा एक बेहद संगीन ख़यालों की पोएटेस हैं. वो अपने दूसरे शौहर के साथ विएना की गलियों में मोजार्ट के म्‍युजिक में खोती जा रही हैं. तभी उसके दिल में ख़याल आता है कि क्यों न वो एक अनजान शख्स के साथ एरोटिक फंतासी को मुमकिन ख्वाब में बदल डाले. एरिका इज़ाडोरा और उसके हमसफ़र जो विएना के एक म्युजिक कैफे में ड्रमर हैं, उनके नशीले लम्हों का करीब तीन घंटे का मल्‍टी ओर्गेज्‍म सेक्स को 'जिप्लेस फक' का नाम देती हैं. उस रात के उन जोशीले लम्हों के बाद इज़ाडोरा और ड्रमर फिर कभी नहीं मिलते.

1973 में पब्लिश हुई 'फियर ऑफ़ फ़्लाइंग' पोर्न स्‍टूडियोज़ के लिए एक  ख़ास लिटरेचर है. ''फैन्नी हिल के पन्नों में जो कसक जॉन क्लेअलेंड नें बयां की थी, एरिका की इज़ाडोरा ने उसे एक नया आयाम दे दिया,'' मिशेल ने ये कहते ही मुझे गले से लगाया और अपने सूर्ख होठों से फिज़ा में स्वीट किस लहराते हुए अपनी मंज़िल के लिए रवाना हो गयी. जैसे ही वो अंडरग्राउंड ट्यूब में ग़ायब होने लगी उसने मुड़कर देखा और मेरे खामोश आँखों से बिखर रहे सवाल का जवाब बहुत ही नाज़ुक अंदाज़ में दिया - 'यू समटाइम सून.'

मिशेल की रवानगी के बाद मेरे दिल-ओ-दिमाग में सवालों के सुनामी ने बवंडर मचा दिया. सोहो की गलियों में सैर के लिए मैंने 2 मार्च की शाम को पिकाडिली सर्कस ट्यूब के बाहर अपने को ठीक क्विन प्ले हाउस  के बाहर खड़ा पाया. इसी प्ले हाउस में 8 अक्टूबर 1985 से आज तक 'लेस मिज़रेबल्‍स' का शो बदस्तूर जारी है जो दुनिया का सबसे लम्बा चलने वाला म्‍युजिकल बन गया है. यह विक्टर ह्यूगो के 1962 में लिखे नोवेल पर आधारित है . अंग्रेजी में इसे ले मिज़ कहते हैं. यहाँ से लन्दन के वेस्ट एंड की गलियों की धड़कन तेज़ होने लगती है.

क्विन प्ले हाउस के साथ ही आगाज़ होता है सोहो की नशीली गलियों का, जिनके चप्पे-चप्पे पर अफीम जैसे नशे का असर साफ़ है. कहते हैं कि लन्दन के आकाश में कितने भी बादल आ जाए, सोहो के ऊपर ग्रे कलर का पेंट लगाने की हिमाकत लन्दन का ख़तरनाक फ्रोस्टी विंटर भी नहीं कर सकता. 

ब्रिटेन की पोर्न इंटस्‍ट्री के इन फलसफ़ों से टकराकर मैंने सोहो के अजीम पोर्न प्रोड्यूसर स्कॉट मार्केस को फ़ोन करके मुलाक़ात का वक़्त मुक़र्रर करने की गुज़ारिश कर डाली. मुलाक़ात के लिए स्कॉट को वक़्त के शिकंजे से आज़ादी की दरकार थी. क़रीब एक हफ्ता निकल जाने के बाद भी उन्होंने और इंतज़ार करने के लिए मजबूर कर दिया मगर मुझे सुज़ेन से मिलने के लिए प्रोत्‍साहन भी दिया. 

सोहो के मशहूर बार में 2 मार्च की शाम को मेरी मुलाकात सुजेन से हो जाती है. सुजेन स्विटज़रलैंड के कैपिटल बर्न से है और करीब दो सालों से सोहो के वार्दौर स्ट्रीट में बार के ठीक साउथ वाली गली में एरोटिक लिटरेचर की बुटीक चलाती है. लिटरोटिका (लिटरोटिका = लिटरेचर + इरोटिका) के इस सैलून में सुजेन बेहद शान से एरोटिक किताबों में खोई हुई है और उसके चारों तरफ़ मेरी नज़र में दुनिया भर के मुख्तलिफ भाषाओं में लिखे और पब्लिश हुए एरोटिक और पोर्न लिटरेचर का खज़ाना समाता जा रहा है. 

किसी भी नज़र में ये किताब की दुकान का एहसास नहीं कराती बल्कि ऐसा लग रहा है जैसे हम किसी मिनिएचर सेक्स लाइब्रेरी में दाखिल हो चले हैं.  क्लिओपेट्रा की तस्‍वीरों से सज़ी किताबों से होते-होते मेरी नज़र 'कामासूत्रा' पर पड़ती है जिसे यहाँ पब्लिश करके कोलिंस ब्रिटिश एरोटिका दीवानों का आशिक बना हुआ है.

सुजेन ने मेरा इस्तेकबाल लिया और ये जानकार बेहद खुशी का इज़हार किया कि मैं कलम के साथ खेलता हूँ और पेशेवर खिलाड़ी हूँ. थोड़े वक़्त के बाद उसने जॉन प्लयेर सिगरेट की  पेशकश कर दी और खुद भी एक सिगरेट सुलगा लिया. उसके आँचल में मैंने देखा उस किताब को जिसे पढ़कर ब्रिटेन एरोटिका के क्लासिकल पहलुओं से परिचित होता आया हूं. सभी जवान और बुजुर्ग इसे 'फैनी हिल'  के नाम से जानते हैं जिसका असली नाम 'मेमोरिज़ ऑफ़ वुमनेंस प्लेज़र'  है, और जिसे जॉन क्लेअलेंद ने 1748 में जेल में लिखा था, जब वो अपने क़र्ज़ से न उबार पाने के चलते सजायाफ्ता था.

सुजेन मुस्कुराते हुए पूछती है, ‘'आर यू हियर टू कम्पोज़ योर वर्ज़न ऑफ़ फैनी हिल?'' मुझे थोड़ी हैरत होती है उसकी बातों पर, क्योंकि मुझे 'फैनी हिल' के इतिहास से वो रूबरू करने ही वाली है. 1748 से 1963 तक इस एरोटिक लिटरेचर को अश्‍लील करार देकर अंडरग्राउंड सेल के लिए मज़बूर कर दिया गया था. जॉन क्लेअलेंद के उस सीन के ऊपर जिसमें उसने होमोसेक्सुअल एक्‍ट को बेहद खुले अंदाज़ में ग्लैमराइज़ किया है. तब ब्रिटिश हुकूमत ने इसे सोडोमी के चार्ज में बैन कर दिया था. और 1963 में 'फैनी हिल' खुलकर ब्रिटिश अवाम के ज़ुबान पर छाने लगा, जब डी एच लॉरेंस की मशहूर 'क्रेअसन लेडी चैटरलेज़' ने अश्‍लीलता का मशहूर केस जीत लिया. 'फैनी हिल' को आज ब्रिटेन का 'कामसूत्रा ' कहा जाता है.

सुजे़न से गुफ्तगू का आगाज़ हौले-हौले होने लगा था तभी मेरी नज़र ठीक उसके बुटीक के कोने पर पड़ी जहाँ से सीढियां बेसमेंट की तरफ़ जाती हैं जिसके पीले दरवाज़े पर प्लेबॉय का मस्कट गुलज़ार है और नीचे गहरे पर्पल कलर में खुदा है- 'मॉडल गो डाउन !'  शी इज़ ऑलवेज़ वेटिंग. इट इज़ हर फोर्ट !!!

(फ्रैंक हुज़ूर अंग्रेजी के लेखक और स्वंत्रत पत्रकार हैं. क्रिकेटर इमरान खान पर उनकी लिखी  जीवनी, ‘इमरान वर्सेस इमरान : द अनटोल्ड स्टोरी’ जल्द ही आनेवाली है. उनसे frankhuzur@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.)

 

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