30 जनवरी 1948 : बापू के आख़िरी क्षण...!
बापू के आख़िरी क्षण |
64 साल पहले
यानि 30 जनवरी सन 1948.
नव-स्वाधीन भारत का वह काला दिन
उग्र हिन्दुत्ववादी
दक्षिणपंथी
विचारधारा से
ताल्लुक रखने वाले
एक दिग्भ्रमित युवक ने
(मैं उसका नाम नहीं लेना चाहता)
बापू को
हमसे छीन लिया था.
आज तक बापू को,
बापू के बारे में
(खिलाफ़ और पक्ष में)
बहुत कुछ पढ़ा, सुना
और कुछ फ़िल्में भी देखीं
पिछले दिनों
फेसबुक पर विचरते हुए
बापू के आख़िरी क्षण का
फोटो मिला -
(उनके हत्यारे के हाथ में है पिस्तौल
उंगली घोड़े पर
बहस कर रहा है बापू से
फिर गोलियां चलाएगा!)
......................
हे राम !
भारतियों के लिए एक मनहूस दिन था वो
जवाब देंहटाएंआज शहीद दिवस है/आइए उन सभी शहीदों को याद करे जिन्होंने देश के आजादी के लिए अपना बलिदान दिया / भगतसिंह, राजगुरु सुखदेव, चंद्र शेखर "आज़ाद" , सावरकर,नेताजी सुभाश चंद्र बोस, सबको याद करे/ गाँधी जी हत्या हुई /सबको श्रद्धांजलि दे, नमन करे..
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