उदय प्रकाश को साहित्य अकादेमी पुरस्कार
साथियो,
हमारे दौर के हिंदी के बहुचर्चित कवि, कथाकार पत्रकार और फिल्मकार उदय प्रकाश को सन 2008 का हिंदी का साहित्य अकादेमी पुरस्कार देने की घोषणा कर दी गई है.
उदय प्रकाश की कुछ कृतियों के अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी उपलब्ध हैं।
लगभग समस्त भारतीय भाषाओं में रचनाएं अनूदित हैं।
इनकी कई कहानियों के नाट्यरूपंतर और सफल मंचन हुए हैं।
'उपरांत' और 'मोहन दास' के नाम से इनकी कहानियों पर फीचर फिल्में भी बन चुकी हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।
उदय प्रकाश स्वयं भी कई टी.वी.धारावाहिकों के निर्देशक-पटकथाकार रहे हैं।
सुप्रसिद्ध राजस्थानी कथाकार विजयदान देथा की कहानियों पर बहु चर्चित लघु फिल्में प्रसार भारती के लिए निर्देशित-निर्मित की हैं।
भारतीय कृषि का इतिहास पर महत्वपूर्ण पंद्रह कड़ियों का सीरियल 'कृषि-कथा' राष्ट्रीय चैनल के लिए निर्देशित कर चुके हैं।
'सुनो कारीगर', 'अबूतर कबूतर', 'रात में हारमोनियम', 'एक भाषा हुआ करती है', 'कवि ने कहा' उदय प्रकाश के कविता संग्रह हैं.
और 'दरियायी घोड़ा', 'तिरिछ', 'दत्तात्रेय के दुख', 'और अंत में प्रार्थना', 'पॉलगोमरा का स्कूटर', 'अरेबा-परेबा', 'मोहन दास', 'मैंगोसिल', 'पीली छतरीवाली लड़की' कथात्मक कृतियाँ.
उदय प्रकाश के दो निबंध और आलोचना संग्रह भी हैं- 'ईश्वर की आंख' और 'नयी सदी का पंचतंत्र'. इनके अलावा उनके कई अनुवाद भी प्रकाशित हैं.
साहित्य अकादेमी पुरस्कार से पहले उदय प्रकाश को 'भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार', 'ओम प्रकाश सम्मान', 'श्रीकांत वर्मा पुरस्कार', 'मुक्तिबोध सम्मान', 'साहित्यकार सम्मान', 'द्विजदेव सम्मान', 'वनमाली सम्मान', 'पहल सम्मान', 'सार्क राइटर्स अवार्ड', 'पेन ग्रांट फॉर दि ट्रांसलेशन ऑफ दि गर्ल विद दि गोल्डन परासोल, अनुवाद : जैसन ग्रुनेबौम', 'कृष्णबलदेव वैद सम्मान', 'महाराष्ट्र फाउंडेशन पुरस्कार' और 'तिरिछ अणि इतर कथा' अनु. जयप्रकाश सावंत पुरस्कार/सम्मान मिल चुके हैं.
आइये आज हम सब अपने प्रिय लेखक उदय प्रकाश को मुबारकबाद दें.
हमारे दौर के हिंदी के बहुचर्चित कवि, कथाकार पत्रकार और फिल्मकार उदय प्रकाश को सन 2008 का हिंदी का साहित्य अकादेमी पुरस्कार देने की घोषणा कर दी गई है.
उदय प्रकाश की कुछ कृतियों के अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी उपलब्ध हैं।
लगभग समस्त भारतीय भाषाओं में रचनाएं अनूदित हैं।
इनकी कई कहानियों के नाट्यरूपंतर और सफल मंचन हुए हैं।
'उपरांत' और 'मोहन दास' के नाम से इनकी कहानियों पर फीचर फिल्में भी बन चुकी हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।
उदय प्रकाश स्वयं भी कई टी.वी.धारावाहिकों के निर्देशक-पटकथाकार रहे हैं।
सुप्रसिद्ध राजस्थानी कथाकार विजयदान देथा की कहानियों पर बहु चर्चित लघु फिल्में प्रसार भारती के लिए निर्देशित-निर्मित की हैं।
भारतीय कृषि का इतिहास पर महत्वपूर्ण पंद्रह कड़ियों का सीरियल 'कृषि-कथा' राष्ट्रीय चैनल के लिए निर्देशित कर चुके हैं।
'सुनो कारीगर', 'अबूतर कबूतर', 'रात में हारमोनियम', 'एक भाषा हुआ करती है', 'कवि ने कहा' उदय प्रकाश के कविता संग्रह हैं.
और 'दरियायी घोड़ा', 'तिरिछ', 'दत्तात्रेय के दुख', 'और अंत में प्रार्थना', 'पॉलगोमरा का स्कूटर', 'अरेबा-परेबा', 'मोहन दास', 'मैंगोसिल', 'पीली छतरीवाली लड़की' कथात्मक कृतियाँ.
उदय प्रकाश के दो निबंध और आलोचना संग्रह भी हैं- 'ईश्वर की आंख' और 'नयी सदी का पंचतंत्र'. इनके अलावा उनके कई अनुवाद भी प्रकाशित हैं.
साहित्य अकादेमी पुरस्कार से पहले उदय प्रकाश को 'भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार', 'ओम प्रकाश सम्मान', 'श्रीकांत वर्मा पुरस्कार', 'मुक्तिबोध सम्मान', 'साहित्यकार सम्मान', 'द्विजदेव सम्मान', 'वनमाली सम्मान', 'पहल सम्मान', 'सार्क राइटर्स अवार्ड', 'पेन ग्रांट फॉर दि ट्रांसलेशन ऑफ दि गर्ल विद दि गोल्डन परासोल, अनुवाद : जैसन ग्रुनेबौम', 'कृष्णबलदेव वैद सम्मान', 'महाराष्ट्र फाउंडेशन पुरस्कार' और 'तिरिछ अणि इतर कथा' अनु. जयप्रकाश सावंत पुरस्कार/सम्मान मिल चुके हैं.
आइये आज हम सब अपने प्रिय लेखक उदय प्रकाश को मुबारकबाद दें.
- शशिकांत
बहुत सुंदर आपका लिखने पढने की दुनिया में स्वागत है..
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