अटल बिहारी वाजपेयी - सेक्स और राजनीति का रिश्ता
करोड़ों भारतीयों के अजीज हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दामन पर भी लगी हुई है दाग !
जी हाँ, यह कड़वा सच कोई वामपंथी नहीं बल्कि दक्षिणपंथी विचारधारा के ही एक दिग्गज महापुरुष बलराज मधोक ने अपनी आत्मकथा में लिखा है -
".....मुझे अटल बिहारी और नाना देशमुख की चारित्रिक दुर्बलताओं का ज्ञान हो चुका था। जगदीश प्र० माथुर ने मुझसे शिकायत की थी की अटल (बिहारी वाजपेयी) ने 30, राजेंद्र प्रसाद रोड को व्यभिचार का अड्डा बना दिया है. वहां नित्य नई-नई लड़कियाँ आती हैं। अब सर से पानी गुजरने लगा है। जनसंघ के वरिष्ठ नेता के नाते मैंने इस बात को नोटिस में लाने की हिम्मत की। मुझे अटल के चरित्र के विषय में कुछ जानकारी थी। पर बात इतनी बिगड़ चुकी है, ये मैं नहीं मानता था। मैंने अटल को अपने निवास पर बुलाया और बंद कमरे में उससे जगदीश माथुर द्वारा कही गई बातों के विषय में पूछा। उसने जो सफाई दी बात साफ़ हो गई। तब मैंने अटल (बिहारी वाजपेयी ) को सुझाव दिया कि वह विवाह कर ले अन्यथा वह बदनाम तो होगा ही, जनसंघ की छवि को भी धक्का लगेगा।....."
जी हाँ, यह कड़वा सच कोई वामपंथी नहीं बल्कि दक्षिणपंथी विचारधारा के ही एक दिग्गज महापुरुष बलराज मधोक ने अपनी आत्मकथा में लिखा है -
".....मुझे अटल बिहारी और नाना देशमुख की चारित्रिक दुर्बलताओं का ज्ञान हो चुका था। जगदीश प्र० माथुर ने मुझसे शिकायत की थी की अटल (बिहारी वाजपेयी) ने 30, राजेंद्र प्रसाद रोड को व्यभिचार का अड्डा बना दिया है. वहां नित्य नई-नई लड़कियाँ आती हैं। अब सर से पानी गुजरने लगा है। जनसंघ के वरिष्ठ नेता के नाते मैंने इस बात को नोटिस में लाने की हिम्मत की। मुझे अटल के चरित्र के विषय में कुछ जानकारी थी। पर बात इतनी बिगड़ चुकी है, ये मैं नहीं मानता था। मैंने अटल को अपने निवास पर बुलाया और बंद कमरे में उससे जगदीश माथुर द्वारा कही गई बातों के विषय में पूछा। उसने जो सफाई दी बात साफ़ हो गई। तब मैंने अटल (बिहारी वाजपेयी ) को सुझाव दिया कि वह विवाह कर ले अन्यथा वह बदनाम तो होगा ही, जनसंघ की छवि को भी धक्का लगेगा।....."
("ज़िन्दगी का सफ़र" - ३, पेज न. 25 से उद्धृत )
सेक्स से अटल जी को जोडना ठीक नहीं है. मैं तो नहीं जानता पर ऐसा हेडिंग लगाकर आप लोगों को जरूर आकर्षित कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंभाई चन्दन जी, टिप्पणी के लिए बहुत-बहुत साधुवाद.
जवाब देंहटाएंरही बात आपके न मानने कि तो मैं क्या कर सकता हूँ.... वैसे, मैं बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ आपको आश्वस्त करता हूँ कि बलराज मधोक की आत्मकथा के खंड - ३ से मैंने यह उद्धृत किया है. शुरू-शुरू में मुझे भी अचम्भा हुआ लेकिन मिटटी की मूर्ति टूटने में भले जितनी देर लगे हाड-मांस से बनी मूर्ती टूटने में देर नहीं लगती.........अब भी न विशवास हो तो आप दिल्ली में मुझसे संपर्क कर सकते हैं. बलराज मधोक की किताब मेरे पास है....शुक्रिया.
nice
जवाब देंहटाएंRajneeti aur satta ke galiyaron ke liye baasi khabar.
जवाब देंहटाएंto kya ho gaya insan ki jarura hay, shadi ka licence le kar kar ya fir aise hi, puri netikta tangon ke bich hi rahti hay kya ?
जवाब देंहटाएंशशिकांत जी , और भी अंश यहां डालें..
जवाब देंहटाएंबलराम मधोक क्या इतने सालों से सो रहे थे |
जवाब देंहटाएंअगर इतना ही व्यभिचार हो रहा था तो उसे आत्मकथा में क्यों उगला,उस वक्त ही छपवा देते ,
क्या गारंटी हैं की व्यक्ति आत्मकथा में सच लिखता हैं ,
और अगर सच हो भी सकता हैं तो, लेकिन अब यह समसामयिक नही रहा |
It is too late for Atal Ji to defend himself. Also, where were the investigative reporters who could have exposed him
जवाब देंहटाएंIske prakasit hone ka samay hi nirdharit karta hai iski satyata. Iski sachai(prakashak ke anusar) ko abhi ujagar karne ki jarurat pe mujhe biswas hai kyonki yah likhne wale ka pata hoga Ataljee daman ki niti nahin rakhte hai.
जवाब देंहटाएंkhair main toh kewal bhagwan se vinti karoonga ki aise logo ko jo daag dundhte rahte hai aur nahin milne par daag khud lagate hai, unko sadbudhi de.
Shashikant ji... kitab kahan se mil sakti hai?
जवाब देंहटाएंविश्वास नहीँ होता।
जवाब देंहटाएंकृपया पुस्तक का कवर और वह पन्ना स्कैन कर या मोबाइल आदि से उसकी तस्वीर खींच कर यहां उपलब्ध कराएं, प्रकाशक का नाम पता भी, विश्वसनीयता के लिए यह जरूरी है
जवाब देंहटाएंयह पुस्तक उपलउपल है क्या। अगर हां तो बताएं
जवाब देंहटाएंProf Prem raj Pushpakaran writes -- 2020 marks the birth centenary year of Bal Raj Madhok!!!
जवाब देंहटाएंये पुस्तक मिलेगी कहां।
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