tag:blogger.com,1999:blog-2470327806990539947.post5676883413835343203..comments2023-10-11T14:46:34.905+05:30Comments on दीवान-ए-आम : बेबाक लिखने की सज़ा !दीवान-ए-आमhttp://www.blogger.com/profile/04490796928850970507noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2470327806990539947.post-63049733748975109652018-01-18T11:07:51.943+05:302018-01-18T11:07:51.943+05:30बेबाक होने के लिये साहसी होना पड़ता है. साहसी लोगों...बेबाक होने के लिये साहसी होना पड़ता है. साहसी लोगों की निर्भीकता कमजोर और मौकापरस्त लोगों को डराती है, इसीलिये वे गिरोह बनाते हैं, घेराबंदी करते हैं और मिलकर मारने का प्रयास करते हैं.<br /><br />ये मानसिकता हमेशा रही है, आगे भी रहेगी.<br /><br />आपका आलेख पसंद आया.Dr. Ravindra S. Mannhttps://www.blogger.com/profile/12241222638470421154noreply@blogger.com